इस मुहूर्त पर करें लक्ष्मी पूजन Lakshmi Pooja on Diwali

Free Web Proxy जयपुर। रविवार को कार्तिक कृष्ण अमावस्या को प्रदोष व्यापिनी अमावस्या होने के कारण इस दिन दीपावली श्री लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रमोहन दाधीच और पं. विजय भट्ट के अनुसार लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या को स्थिर लग्न व स्थिर नवांश में शुभ माना गया है। इस दिन प्रदोष काल सायं 5.39 से 8.16 तक, इसमें वृष लग्न सायं 6.23 से 8.20, सिंह लग्न मध्य रात्रि 12.53 से मध्यरात्रि बाद 3.09 तक रहेगा। पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ समय सायं 6.35 से 6.48 रहेगा। इसमें प्रदोषकाल, स्थिर वृष लग्न और कुंभ का स्थिर नवांश भी रहेगा। वैसे सपूर्ण रात्रि श्री लक्ष्मी पूजन शुभ माना गया है। 39 साल बाद बनने वाला पंचग्रही योग रहेगा समृद्धिदायक मोहरात्रि के रूप में प्रसिद्ध दीपावली पर रविवार को लक्ष्मी पूजन के समय ज्योतिष में श्रेष्ठ योगों में गिना जाने वाला पंचग्रही (सूर्य, शनि, बुध, राहू, चंद्रमा) योग रहेगा। यह व्यापार जगत के लिए उन्नति कारक तथा आम लक्ष्मी भक्तों को चिर स्थिर लक्ष्मी प्रदाता और शुभ फलदायी होगा। सूर्य, शनि, बुध व राहू दीपावली से पहले ही तुला राशि में चल रहे थे, शनिवार दोपहर 12.46 बजे मन का कारक चन्द्रमा भी तुला राशि में आ गया। यह 4 नवम्बर अपराह्न 3.50 बजे तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार 13 नवम्बर 1974 को तुला राशि में ही पंचग्रही योग बना था। अब आगे 27 वर्ष बाद 25 अक्टूबर 2041 को तुला राशि में ही पंचग्रही योग बनेगा। इस दीपावली पर पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय शाम 6.35 से 6.48 बजे तक रहेगा, जिसमें प्रदोषकाल, स्थिर वृष लगन तथा कुंभ का स्थिर नवांश रहेगा। गोवर्घन व भाई दूज सोमवार को गोवर्धन की पूजा कर भगवान को भांति-भांति के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। गोवर्धन पूजा का समय सुबह 6.43 से 8.05 बजे तक अमृत चौघडिया, सुबह 9.27 से 10.40 बजे तक शुभ चौघडिया, दोपहर 2.55 से शाम 5.38 बजे तक लाभ व अमृत चौघडिया, प्रदोष काल 5.39 से रात 8.16 बजे तक प्रदोष काल में पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा। मंगलवार को यम द्वितीया (भाई दूज) मनाई जाएगी। इस दिन यमुना स्नान का विशेष महत्व होता है। यमुना के साथ-साथ चित्रगुप्त का पूजन भी किया जाएगा। भाई के तिलक लगाकर बहिन उसकी दीर्घायु की कामना करेंगी। आठ दिशाओं में होगा लक्ष्मी पूजन पंडित मुकेश भारद्वाज के अनुसार धन-लक्ष्मी के साथ सुख-समृद्धि के लिए आठ दिशाओं में अष्ट लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। ज्योतिçष्ायों ने बताया कि घर में हर दिशा से लक्ष्मी का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए आठ दिशाओं में लक्ष्मी के आठ नामों आद्य, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग व योग की आराधना होगी। ऎसे करें पूजा पंडित राकेश शर्मा के अनुसार चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर पूर्वाभिमुख बैठे। लक्ष्मीजी को चौकी पर विराजमान कर षोडषोपाचार पूजन करें। इसके बाद कुबेर के रूप में तिजोरी एवं सरस्वती के रूप में बहीखाता, पेन या दवात की पूजा करें। फिर भगवती की आरती कर प्रसाद बांटें। विशेष रूप से कमल पुष्प चढ़ाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। जातक को श्रीसुक्त, लक्ष्मीसुक्त, गोपालसहस्त्रनाम का रात में पाठ करना चाहिए। शास्त्रों में विधान है कि जो व्यक्ति दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के उपरान्त लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए पाठ करता है, वहां लक्ष्मी अवश्य आती हैं।