जन्माष्टमी

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हिन्दू पंचाग के अनुसार भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह हिंदुओँ के प्रमुख और बड़े त्योहारोँ मेँ से एक है।

कथा

जन्माष्टमी मनाने के संबध मेँ कथा है कि द्वापर युग मेँ मथुरा नगरी का राजा कंस था जो कि बहुत अत्याचारी था। उसके अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे थे। एक समय आकाशवाणी हुई कि उसकी बहिन देवकी का आठवाँ पुत्र उसका संहार करेगा। यह सुनकर कंस ने अपनी बहन देवकी को उसके पति वसुदेव सहित कारागृह मे डाल दिया। कारागार मे भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण ने जन्म लिया। उनके जन्म की खुशी मेँ तभी से प्रतिवर्ष जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।

क्रियाएँ

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत मेँ बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन श्री कृष्ण के लिए व्रत रखते हैँ तथा अपने घरोँ मेँ अशोक के पत्तोँ की बंदनवार आदि लगाकर घरोँ को सजाते है। भगवान कृष्ण के लिए धनिये की पंजिरी बनाई जाती है। भक्तजन खूब दान-पुण्य करते हैँ। मंदिरोँ को सजाया जाता है तथा भगवान कृष्ण के रूप की बहुत सुन्दर-सुन्दर झांकियाँ सजाई जाती है। मध्यरात्रि के समय भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता है तथा उस समय श्री कृष्ण की विशेष पूजा व आरती की जाती है।